
publicuwatch24.-बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने झूठी शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज करने के मामले में बिलासपुर के एसपी को व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है। अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता के आरोप गंभीर हैं और पुलिस की कार्रवाई संदिग्ध लग रही है, इसलिए इस पर स्पष्ट जवाब देना जरूरी है।
यह मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है। आरोप है कि पुलिस ने पति-पत्नी को झूठे एनडीपीएस केस में फंसा दिया। सरोज श्रीवास की ओर से अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि 5 जून 2025 को सुबह करीब 6:30 बजे पुलिस घर पहुंची और दंपती को थाने ले गई। लेकिन कुछ घंटे बाद लगभग 10:55 बजे उसलापुर रेलवे स्टेशन पार्किंग में उन्हें उतारकर नशीली दवा बेचने का झूठा केस दर्ज कर लिया गया। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि पूरा घटनाक्रम पड़ोसी के सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड है। वहीं उनके घर का सीसीटीवी फुटेज पुलिस ने जब्त कर लिया है। परिवार ने थाने का फुटेज मांगने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने देने से इनकार कर दिया। इसके बाद विशेष न्यायाधीश ने 3 जुलाई को आदेश पारित कर पुलिस को सुबह 6 बजे से 11 बजे तक का सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था।
मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति बी.डी. बिभु दत्ता गुरु की डिवीजन बेंच ने मामले को बेहद गंभीर मानते हुए कहा कि पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। अब अगली सुनवाई में एसपी बिलासपुर को हलफनामा पेश करना होगा।