
publicuwatch24.-कोंडागांव। राम लला दर्शन योजना के अंतर्गत कोंडागांव जिले से 51 श्रद्धालुओं का एक दल अयोध्या धाम के लिए मंगलवार की रात रवाना हुआ। श्रद्धालुओं के इस दल को कोंडागांव नगर के अंबेडकर चौक से रात्रि 9 बजे हरी झंडी दिखाकर बस्तर प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एवं कोंडागांव विधायक सुश्री लता उसेंडी ने रवाना किया। इस अवसर पर विधायक लता उसेंडी ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह योजना प्रदेशवासियों को अध्यात्मिक सशक्तिकरण और रामभक्ति से जोड़ने का एक ऐतिहासिक प्रयास है, जो मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की दूरदृष्टि और जनकल्याणकारी सोच का परिणाम है।
श्रद्धालुओं का यह जत्था बस द्वारा राजनांदगांव तक की यात्रा करेगा, इसके पश्चात ट्रेन से अयोध्या धाम के लिए प्रस्थान करेगा। जत्थे में शामिल श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन को लेकर अत्यंत उत्साहित और भावविभोर नजर आए।
सरगीपाल, कोंडागांव निवासी श्रीमती ननकी वैष्णव, जो अपने पति के साथ यात्रा पर निकली हैं, भावुक होते हुए कहती हैं, यह मेरा पहला तीर्थयात्रा है और पहली ही बार में राम लला के दर्शन का सौभाग्य मिल रहा है। मैं बहुत खुश हूँ। अभी राखी का पर्व है, फिर भी इस यात्रा पर जा रही हूँ क्योंकि राखी हर साल आएगी, लेकिन रामलला के दर्शन का अवसर बार-बार नहीं मिलता। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री जी की बहुत आभारी हूँ। श्री जोहन बैद्य, ग्राम पेंड्रावन, ब्लॉक बड़ेराजपुर से यात्रा पर निकले श्रद्धालु कहते हैं, मैंने कभी नहीं सोचा था कि मुझे अयोध्या जाकर रामलला के दर्शन का मौका मिलेगा। यह सब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय जी की पहल से संभव हो पाया है। मैं उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट करता हूँ।
इसी प्रकार मसोरा निवासी श्री उलेचंद पटेल ने भी रामलला के दर्शन को अपना सौभाग्य बताते हुए कहा, यह यात्रा मेरे जीवन का अविस्मरणीय क्षण है। भगवान राम के दरबार में हाजिरी देना हर भक्त का सपना होता है, और यह सपना मुख्यमंत्री जी की इस योजना के माध्यम से पूरा हो रहा है। फरसगांव की श्रीमती मीना देवी ने भी अपने भाव साझा करते हुए कहा, यह यात्रा मुख्यमंत्री जी के प्रयासों से ही संभव हुई है। हम सभी तीर्थयात्रियों को उनके प्रति आभार प्रकट करना चाहिए जिन्होंने हमें यह दुर्लभ अवसर दिया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा राम लला दर्शन योजना के माध्यम से राज्य के हजारों श्रद्धालुओं को अयोध्या धाम की यात्रा कराने की पहल की गई है। योजना का उद्देश्य नागरिकों को धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से जोड़ना और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करना है।